विद्यादायिनी माँ
विद्यादायिनी माँ, हँसवाहिनी माँ
विद्या और बुद्धि का संचार दे माँ
विद्या बुद्धि देती है,तम सारे हर लेती है
अज्ञानता को करके दूर,विवेक भर देती है
करुणामयी हो माँ तुम ही,तुम सारा संसार हो
दिल में तेरे प्रेम स्नेह माँ ,संगीत का आधार हो
विद्यादायिनी माँ, हँसवाहिनी माँ
विद्या और बुद्धि का संचार दे माँ
स्वेत कमल पर विराजमान है आसन तेरा
तेरे ही आशिर्वाद से भक्तिमय हो जीवन मेरा
कलुषित हुए मन को ,पवित्र पावन कर दो
विचारों में निर्मलता हो,माँ ऐसा वर दो
विद्यादायिनी माँ, हँसवाहिनी माँ
विद्या और बुद्धि का संचार दे माँ
वाणी में हो सौम्यता , मन में प्रेम का वास हो
शब्दों में मिठास झलके, किसी को ना त्रास हो
Mamta Rani