“विडम्बना”
“विडम्बना”
विडम्बनाओं से भरा पड़ा है
दुनिया का कोना-कोना,
गाँव गली नगरों को देखकर
कबीरा को आया रोना।
राजनीति में नीति नहीं है
सत्ता में नहीं सत,
सन्त बने जो घूम रहे हैं
उनमें सौ-सौ बुरी लत।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
“विडम्बना”
विडम्बनाओं से भरा पड़ा है
दुनिया का कोना-कोना,
गाँव गली नगरों को देखकर
कबीरा को आया रोना।
राजनीति में नीति नहीं है
सत्ता में नहीं सत,
सन्त बने जो घूम रहे हैं
उनमें सौ-सौ बुरी लत।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति