Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2024 · 1 min read

” विडम्बना “

” विडम्बना ”
साल-दर-साल सड़ रहा
अन्न गोदामों में भर-भर कर,
आम आदमी मर रहा
भूख से तड़प- तड़प कर।

1 Like · 1 Comment · 62 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

अपनी झलक ये जिंदगी
अपनी झलक ये जिंदगी
Anant Yadav
रीत की वात अवं किनखs भावज
रीत की वात अवं किनखs भावज
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
प्रेम करें.... यदि
प्रेम करें.... यदि
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
हर शख्स नहीं होता है तुम जैसा
हर शख्स नहीं होता है तुम जैसा
Jyoti Roshni
"चाँद"
Dr. Kishan tandon kranti
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अमन-राष्ट्र
अमन-राष्ट्र
राजेश बन्छोर
उनसे ही धोखा मिला ,जिन पर किया यकीन
उनसे ही धोखा मिला ,जिन पर किया यकीन
RAMESH SHARMA
राष्ट्र धर्म
राष्ट्र धर्म
Dr.Pratibha Prakash
समय आता है
समय आता है
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
आज कल पढ़ा लिखा युवा क्यों मौन है,
आज कल पढ़ा लिखा युवा क्यों मौन है,
शेखर सिंह
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
SHAMA PARVEEN
तुम मेरी प्रिय भाषा हो
तुम मेरी प्रिय भाषा हो
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
4433.*पूर्णिका*
4433.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* खिल उठती चंपा *
* खिल उठती चंपा *
surenderpal vaidya
वो ठोकर से गिराना चाहता है
वो ठोकर से गिराना चाहता है
अंसार एटवी
अतीत
अतीत
Shyam Sundar Subramanian
"नींद की तलाश"
Pushpraj Anant
जीवन का खेल
जीवन का खेल
Sudhir srivastava
राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियाँ और संभावनाएं
राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियाँ और संभावनाएं
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
****शिव शंकर****
****शिव शंकर****
Kavita Chouhan
पृथ्वी दिवस पर
पृथ्वी दिवस पर
Mohan Pandey
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
Abhishek Yadav
राष्ट्रशांति
राष्ट्रशांति
Neeraj Agarwal
जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हे राम हृदय में आ जाओ
हे राम हृदय में आ जाओ
Saraswati Bajpai
I guess afterall, we don't search for people who are exactly
I guess afterall, we don't search for people who are exactly
पूर्वार्थ
Loading...