“विडम्बना”
“विडम्बना”
इंसानों ने पक्षियों की तरह
हवा में उड़ानें भरी
मछलियों की तरह उसने
समुद्र में तैरा है
लेकिन भाई-भाई की तरह
अब तलक
रहना नहीं सिखा है।
“विडम्बना”
इंसानों ने पक्षियों की तरह
हवा में उड़ानें भरी
मछलियों की तरह उसने
समुद्र में तैरा है
लेकिन भाई-भाई की तरह
अब तलक
रहना नहीं सिखा है।