“विडम्बना”
“विडम्बना”
चाहे कुछ भी हो जाए
मगर दुनिया को
श्रम-कण से सींचने वाले
कभी ईश्वर नहीं बन पाएंगे,
और सारे लूटने वाले
ईश्वर बनकर
सब कुछ हड़प ले जाएंगे।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
“विडम्बना”
चाहे कुछ भी हो जाए
मगर दुनिया को
श्रम-कण से सींचने वाले
कभी ईश्वर नहीं बन पाएंगे,
और सारे लूटने वाले
ईश्वर बनकर
सब कुछ हड़प ले जाएंगे।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति