“विजेता”
“विजेता”
विजेता वो होते हैं, जो जितनी बार गिरते हैं, उतनी बार उठ खड़े होते हैं। इसलिए ही मेरा कहना है- “गिरो दस बार, उठो ग्यारह बार।”
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
“विजेता”
विजेता वो होते हैं, जो जितनी बार गिरते हैं, उतनी बार उठ खड़े होते हैं। इसलिए ही मेरा कहना है- “गिरो दस बार, उठो ग्यारह बार।”
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति