विचार
विचार
समस्याएँ जब केवल हमारी न होकर दूसरों की समस्याएँ हो जाती हैं और दूसरों की समस्याएँ हमारी | तब समाज में मानवीय सोच को बल मिलता है | यही सच्ची जीवन शैली है | इससे समाज में संतुलन स्थापित होता है |
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
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समस्याएँ जब केवल हमारी न होकर दूसरों की समस्याएँ हो जाती हैं और दूसरों की समस्याएँ हमारी | तब समाज में मानवीय सोच को बल मिलता है | यही सच्ची जीवन शैली है | इससे समाज में संतुलन स्थापित होता है |
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”