Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2024 · 1 min read

विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,

विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
सबने अपनी-अपनी बात कही!
कुछ मामले पड़ गए ठंडे बस्ते में,
और कहीं पे थोड़ी उम्मीद भी जगी!
ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा,
आशातीत सफलता मिली कि नहीं!
…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 57 Views

You may also like these posts

तू खुद को मेरे नाम कर
तू खुद को मेरे नाम कर
Jyoti Roshni
रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया।
रुख़ से परदा हटाना मजा आ गया।
पंकज परिंदा
असल सूँ साबको
असल सूँ साबको
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कहते हैं लोग भूल जाया कर वो बातें जो मन मे चुभन जगाती हैं...
कहते हैं लोग भूल जाया कर वो बातें जो मन मे चुभन जगाती हैं...
पूर्वार्थ
वो दौड़ा आया है
वो दौड़ा आया है
Sonam Puneet Dubey
मुद्दत के बाद
मुद्दत के बाद
Chitra Bisht
नयकी दुलहिन
नयकी दुलहिन
आनन्द मिश्र
कसूरवान
कसूरवान
Sakhi
* बस एक तेरी ही कमी है *
* बस एक तेरी ही कमी है *
भूरचन्द जयपाल
"बेज़ारे-तग़ाफ़ुल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
Dr.Priya Soni Khare
AE888 - Trang chủ nhà cái casino online hàng đầu, hội tụ gam
AE888 - Trang chủ nhà cái casino online hàng đầu, hội tụ gam
AE888 TRANG NHÀ CÁI CASINO
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2506.पूर्णिका
2506.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संवेदना(सहानुभूति)
संवेदना(सहानुभूति)
Dr. Vaishali Verma
चेतावनी भजन
चेतावनी भजन
Mangu singh
चाँदनी रात
चाँदनी रात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है
फूल का शाख़ पे आना भी बुरा लगता है
Rituraj shivem verma
शे
शे
*प्रणय*
सांस्कृतिक संक्रांति
सांस्कृतिक संक्रांति
Laxmi Narayan Gupta
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
अंसार एटवी
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
शीर्षक -सावन में हरियाली!
शीर्षक -सावन में हरियाली!
Sushma Singh
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
अपने पंखों पर नहीं,
अपने पंखों पर नहीं,
sushil sarna
रूबरू न कर
रूबरू न कर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
Ashwini sharma
Loading...