विकास
शीर्षक-विकास
हर तरफ शोर है,विकास चहुँओर है।
कँही स्वछ भारत अभियान है,
कँही बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ का गान है,
कोई मेट्रो से विकास को आँक रहा है,
कोई सैनिक सुविधा,और शास्त्रों को जाँच रहा है,
महिला सशक्तिकरण भी विकास की परिधि में आता है,
बेरोजगारी और गरीबी आज भी विकास का मुद्दा कहलाता है,
पोलियो मुक्त भारत ,विकास की पहचान है,
मानवीय मूल्यों में गिरावट,विकास का अपमान है,
नेता विकास को भाषणों में बताते है,
भ्रष्टाचारी ,विकास का मज़ाक उड़ाते है,
घर में न हो आटा पर फ़ोन में उपलब्ध है डाटा,
उद्योगपतियों ने विकास को घर घर है बांटा।
दिखता नही विकास ,पर मौजूद हर जगह है,
विकास से प्रेम,विकास को साकार करने की वजह है।।