वाह-वाही करके तो देखो..
पत्नियाँ हो जाती हैं खुश
बस एक बार वाहवाही करके तो देखो
प्रिये! आज तुम बहुत सुन्दर लग रही हो!
ये नीली साड़ी तुम पर बहुत जँचती है!
सारा प्रेम उड़ेल देगी लजाकर तुम पर…
…
व्यंजन बना हो यदि फीका
भूल से भी कह के तो देखो
प्रिये! आज वो स्वाद नहीं रहा
जो तुम्हारे हाथों में रोज रहता है!
…
जल भुनकर मन ही मन राख होती
आँखें तिरोरती फड़फडाते
होठों को संभालने की पूरी कोशिश करती
रूठ सी जाती उस दिन फिर…
….
अब तुम अपनी शामत समझो
मनाना है यदि तुम्हें आसानी से
एक बार ही सी झूठी वाह-वाही
तो करके देखो!
सब कुछ भूल जायेगीं पल में
अपना प्रेम न्यौछावर करने लगेगी
झट तुम पर….
अब ना कोई शिकवा होगी
ना शिकायत तुम वाकई पति परमेश्वर
लगने लगोगे!
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शालिनी साहू
ऊँचाहार, रायबरेली(उ0प्र0)