Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2024 · 1 min read

” वाह री दुनिया “

” वाह री दुनिया ”

जिसने दुनिया भर के गम अपनाए थे,
उसको दुनिया ने कहा कि बे-दर्द था।

3 Likes · 3 Comments · 27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
Festival Of Lights Goa Parra Village
Festival Of Lights Goa Parra Village
Sonam Puneet Dubey
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"दुर्गम दुर्लभ कोंटा"
Dr. Kishan tandon kranti
"मीठा खा कर शुगर बढ़ी अन्ना के चेले की।
*प्रणय*
औरतें
औरतें
Neelam Sharma
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
ओसमणी साहू 'ओश'
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
gurudeenverma198
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
कृष्णकांत गुर्जर
ছায়া যুদ্ধ
ছায়া যুদ্ধ
Otteri Selvakumar
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
Harminder Kaur
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
माँ लक्ष्मी
माँ लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
"पुरे दिन का सफर कर ,रवि चला अपने घर ,
Neeraj kumar Soni
समय की बात है
समय की बात है
Atul "Krishn"
The destination
The destination
Bidyadhar Mantry
हर मनुष्य के अंदर नेतृत्व की भावना होनी चाहिए।
हर मनुष्य के अंदर नेतृत्व की भावना होनी चाहिए।
Ajit Kumar "Karn"
" मेरा प्यार "
DrLakshman Jha Parimal
कायनात की हर शय खूबसूरत है ,
कायनात की हर शय खूबसूरत है ,
Neelofar Khan
** मन में यादों की बारात है **
** मन में यादों की बारात है **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वाल्मिकी का अन्याय
वाल्मिकी का अन्याय
Manju Singh
तू है
तू है
Satish Srijan
कौन कहता है वो ठुकरा के गया
कौन कहता है वो ठुकरा के गया
Manoj Mahato
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कवि/लेखक- दुष्यन्त कुमार (सम्पूर्ण साहित्यिक परिचय)
कवि/लेखक- दुष्यन्त कुमार (सम्पूर्ण साहित्यिक परिचय)
Dushyant Kumar
किराये के मकानों में
किराये के मकानों में
करन ''केसरा''
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अर्धांगनी
अर्धांगनी
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
3788.💐 *पूर्णिका* 💐
3788.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*एक जन्म में जाने कितने, हमने जन्म जिए हैं (हिंदी गजल)*
*एक जन्म में जाने कितने, हमने जन्म जिए हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...