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30 Nov 2019 · 1 min read

वाहियात के बीज !!

‘दामण नीचे पहरी जूती, बणगी देखो चीज कसूती। गज़बन…”
यह वाहियात हरयाणवी गाना आजकल खूब बज रहा है और लोग नाच रहे हैं।
नाचिए खूब नाचिए यह संस्कारों और समाज के मरने का जश्न है। ऐसे समाज को मर ही जाना चाहिए जिसमें औरत सुन्दर हो तो वह “चीज” हो जाती हो! RY

चीज़ कसूती कह रहे,
स्त्री को बदतमीज़ !

बोये किसने सोचिये,
वाहियात के बीज !!

Language: Hindi
2 Likes · 375 Views
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