Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2020 · 1 min read

वाणी

दावानल को शीतल कर दे,आग लगा दे पानी में।
सोच समझकर बोलो बानी,वो दम होता है वाणी में।
मुंह से निकले बोल, और तीर कमान से।
बापिस नहीं हो सकते, चले जो जवान और कमान से।

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
9 Likes · 8 Comments · 255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
पूर्वार्थ
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
दिवाली मुबारक नई ग़ज़ल विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
खामोशियां आवाज़ करती हैं
खामोशियां आवाज़ करती हैं
Surinder blackpen
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
আজ রাতে তোমায় শেষ চিঠি লিখবো,
Sakhawat Jisan
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और      को छोड़कर
वह फिर से छोड़ गया है मुझे.....जिसने किसी और को छोड़कर
Rakesh Singh
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
Dr. Man Mohan Krishna
The engulfing darkness and the silence stretched too long,
The engulfing darkness and the silence stretched too long,
Manisha Manjari
तिरंगा
तिरंगा
लक्ष्मी सिंह
उपहास ~लघु कथा
उपहास ~लघु कथा
Niharika Verma
कशमें मेरे नाम की।
कशमें मेरे नाम की।
Diwakar Mahto
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
Ravi Prakash
बहाना मिल जाए
बहाना मिल जाए
Srishty Bansal
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
"जरा गौर करिए तो"
Dr. Kishan tandon kranti
गुरु
गुरु
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी मां।
मेरी मां।
Taj Mohammad
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
SPK Sachin Lodhi
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
Utkarsh Dubey “Kokil”
2407.पूर्णिका
2407.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शिवरात्रि
शिवरात्रि
Madhu Shah
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
Neelam Sharma
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
Rj Anand Prajapati
शब्द : दो
शब्द : दो
abhishek rajak
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
Loading...