Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2024 · 1 min read

” वाणी “

” वाणी ”
वाणी में अमृत भी है और विष भी। तभी तो कहा गया है कि
‘बातन हाथी पाइए, बातन हाथी पाँव।’

2 Likes · 2 Comments · 49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
2879.*पूर्णिका*
2879.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब साथ छोड़ दें अपने, तब क्या करें वो आदमी
जब साथ छोड़ दें अपने, तब क्या करें वो आदमी
gurudeenverma198
जहां शिक्षा है वहां विवेक है, ज्ञान है।
जहां शिक्षा है वहां विवेक है, ज्ञान है।
Ravikesh Jha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
कृष्णकांत गुर्जर
Sometimes you don't fall in love with the person, you fall f
Sometimes you don't fall in love with the person, you fall f
पूर्वार्थ
दिल में मेरे
दिल में मेरे
हिमांशु Kulshrestha
" बोझ "
Dr. Kishan tandon kranti
सच्चे होकर भी हम हारे हैं
सच्चे होकर भी हम हारे हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
जिनका मन और दिल साफ़ होता है
जिनका मन और दिल साफ़ होता है
Sonam Puneet Dubey
देखें क्या है राम में (पूरी रामचरित मानस अत्यंत संक्षिप्त शब्दों में)
देखें क्या है राम में (पूरी रामचरित मानस अत्यंत संक्षिप्त शब्दों में)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बड़े मासूम सवाल होते हैं तेरे
बड़े मासूम सवाल होते हैं तेरे
©️ दामिनी नारायण सिंह
..
..
*प्रणय*
Dear  Black cat 🐱
Dear Black cat 🐱
Otteri Selvakumar
कलम
कलम
Kumud Srivastava
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
पंकज परिंदा
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जब एक लौ एक उम्मीद जला करती है,
जब एक लौ एक उम्मीद जला करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कठिन काल का काल है,
कठिन काल का काल है,
sushil sarna
अनकही दोस्ती
अनकही दोस्ती
राजेश बन्छोर
*गणेश चतुर्थी*
*गणेश चतुर्थी*
Pushpraj Anant
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
VINOD CHAUHAN
हमारी मंजिल
हमारी मंजिल
Diwakar Mahto
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
शिकवे शिकायत करना
शिकवे शिकायत करना
Chitra Bisht
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
shabina. Naaz
उलझी हुई है जुल्फ
उलझी हुई है जुल्फ
SHAMA PARVEEN
"" *आओ गीता पढ़ें* ""
सुनीलानंद महंत
Loading...