वाणी
इन्सान के पास कुछ हो या न हो,
परन्तु उसकी वाणी कोमल होनी चाहिए।
अमीर हो या गरीब पर कठोर वचन बोलने ,
से संभलना चाहिए।
कर्कश आवाज एक ऐसा तीर है,
जो हृदय को चीर कर रख देता है।
बाण से लगा घाव भर जाता है,
परन्तु वाणी का हर वक्त दर्द देता है।
व्रत पूजा पाठ करने से ,
कुछ नहीं होता।
जब तक हृदय कोमल नहीं होता।
वो इंसान भगवान को भी अति प्रिय है,
जिसकी वाणी कोमल और हृदय हर पाप से निष्क्रिय है।