Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2019 · 1 min read

वाड्रा पर ई डी का शिकंजा —आर के रस्तोगी

ई डी ने वाड्रा पर जबसे कसा है शिकंजा
देखो,अब कांग्रेस कौन सा लड़ाईती है पंजा
लन्दन में जो नो नो प्रॉपर्टी रखता
ई डी के सामने वह नो नो करता
वाड्रा बना है छोटे से बड़ा आदमी
देखो,उसकी पूछ-ताछ ऐसी ही होती
प्रियंका को दिया महासचिव का प्रभार
देखो,तुम अब भाई-बहिन का प्यार
जब से वह इस सीट पर है बैठी
देखो,उसने एक नई मुसीबत ले बैठी
वाड्रा ने किये थे करोड़ो के घोटाले
देखो,उसे पड़े है अब जान के लाले
वाड्रा वैसे राहुल का जीजा कहलाता
देखो,उसको कोई जी जी न कहता

आर के रस्तोगी

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

माँ दे - दे वरदान ।
माँ दे - दे वरदान ।
Anil Mishra Prahari
" सूरज "
Dr. Kishan tandon kranti
जो कहना है,मुंह पर कह लो
जो कहना है,मुंह पर कह लो
दीपक झा रुद्रा
देश को समझें अपना
देश को समझें अपना
अरशद रसूल बदायूंनी
3810.💐 *पूर्णिका* 💐
3810.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#व्यंग्य_कविता :-
#व्यंग्य_कविता :-
*प्रणय*
उसने पहाड़ होना चुना था
उसने पहाड़ होना चुना था
पूर्वार्थ
शंकर छंद
शंकर छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सत्याग्रह और उग्रता
सत्याग्रह और उग्रता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बड़े हो गए अब बेचारे नहीं।
बड़े हो गए अब बेचारे नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कमजोर क्यों पड़ जाते हो,
कमजोर क्यों पड़ जाते हो,
Ajit Kumar "Karn"
तेज धूप में वो जैसे पेड़ की शीतल छाँव है,
तेज धूप में वो जैसे पेड़ की शीतल छाँव है,
Ranjeet kumar patre
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
शेखर सिंह
नन्दी बाबा
नन्दी बाबा
Anil chobisa
जब मैं परदेश जाऊं
जब मैं परदेश जाऊं
gurudeenverma198
आधुनिक दान कर्म
आधुनिक दान कर्म
मधुसूदन गौतम
Interest vs interrupt
Interest vs interrupt
Rj Anand Prajapati
पीड़ा का अनुमान
पीड़ा का अनुमान
RAMESH SHARMA
हर बार बिखर कर खुद को
हर बार बिखर कर खुद को
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जो विष को पीना जाने
जो विष को पीना जाने
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
नई कविता
नई कविता
सरिता सिंह
आंखें हमारी और दीदार आपका
आंखें हमारी और दीदार आपका
Surinder blackpen
मैं दिया बन जल उठूँगी
मैं दिया बन जल उठूँगी
Saraswati Bajpai
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
कार्तिक नितिन शर्मा
कौन?
कौन?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जां से बढ़कर है आन भारत की
जां से बढ़कर है आन भारत की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बेटा तेरे बिना माँ
बेटा तेरे बिना माँ
Basant Bhagawan Roy
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
पाठ कविता रुबाई kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
"सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
Loading...