वह हमारा गुरु है
(शेर)- जो दिखाये हमको राह, वो भी हमारा गुरु है।
जो बनाये हमको इंसान, वो भी हमारा गुरु है।।
रूप अनेक है गुरु के, यारों इस संसार में।
जो करें निःस्वार्थ सेवा, वह भी हमारा गुरु है।।
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आये बनकर फरिश्ता, जो जिंदगी में।
करने के लिए रोशनी, जो जिंदगी में।।
वह कोई और नहीं, वह हमारा गुरु है।
दिखाये राह सही हमें, जो जिंदगी में।।
आये बनकर फरिश्ता——————।।
बात छोड़ो गैरों की, अपने भी कभी।
हमको देते हैं दुःख, जिंदगी में कभी।।
ऐसे में वह भी तो, हमारा गुरु है।
हमको जीना जो सिखाये, जिंदगी में।।
आये बनकर फरिश्ता——————।।
कथनी- करनी में अंतर, जो रखता नहीं।
जाति- धर्मों में भेदभाव, जो करता नहीं।।
निःस्वार्थ सेवाभावी भी, एक गुरु है।
बनाता है संस्कारवान, हमें जो जिंदगी में।।
आये बनकर फरिश्ता———————।।
जो शिक्षा के दीपक, जलाते हैं वतन में।
नफरत की आग जो, बुझाते हैं वतन में।।
ऐसे गुण- मन वाले ही तो, गुरु होते हैं।
दिखाये जो इंसानियत, हमको जिंदगी में।।
आये बनकर फरिश्ता———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)