Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2018 · 1 min read

वह बचपन अपना था

कितना सुंदर सपना था ,
वह बचपन अपना था,
कोई बता दे बचपन का मोल,
धन लेकर दे दे वो पल अनमोल,
ना चिंता थी ना था कोई गम ,
उछलते-कूदते थे उम्र थी कम,
बहुत याद आता है मां का दुलार,
पिता की डांट बहनों की पुकार,
पगडंडियों का जमाना कीचड़ से सने कपड़े ,
याद आता पनघट का जमघट और लू के थपेड़े,
खेलते थे हम हाथों में लेकर धूल ,
ऐसे महकती थी जैसे हो फूल ,
गिनते थे नभ के तारे और सितारे ,
पेड़ों पर चढ़ते थे हम मित्र सारे ,
खो जाने दे मुझको मेरे बचपन में ,
धीरे-धीरे जा रहे उम्र पचपन में ,
समय थमता नहीं समय रुकता नहीं ,
हम चले जाएंगे रहेगी धरा यहीं,
।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
426 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all

You may also like these posts

सिर्फ़ मेरे लिए बने थे तो छोड़कर जाना क्यूं था,
सिर्फ़ मेरे लिए बने थे तो छोड़कर जाना क्यूं था,
Shikha Mishra
इश्क
इश्क
shreyash Sariwan
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
I want to collaborate with my  lost pen,
I want to collaborate with my lost pen,
Sakshi Tripathi
"जमाने की आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
सृजन
सृजन
Bodhisatva kastooriya
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर दिन सावन
हर दिन सावन
Dr.Archannaa Mishraa
दोहे
दोहे
seema sharma
🙅अजब संयोग🙅
🙅अजब संयोग🙅
*प्रणय*
मन नही है और वक्त भी नही है
मन नही है और वक्त भी नही है
पूर्वार्थ
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
गुमनाम 'बाबा'
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बारिश पुकार कर, कहती है यार से,,
बारिश पुकार कर, कहती है यार से,,
Neelofar Khan
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेघा आओ
मेघा आओ
Dr Archana Gupta
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
Kanchan Khanna
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
कवि रमेशराज
*सागर में ही है सदा , आता भीषण ज्वार (कुंडलिया)*
*सागर में ही है सदा , आता भीषण ज्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
परिवर्तन
परिवर्तन
विनोद सिल्ला
4592.*पूर्णिका*
4592.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सब मुकम्मल है अपनी नज़रों में ।
सब मुकम्मल है अपनी नज़रों में ।
Dr fauzia Naseem shad
नेतृत्व
नेतृत्व
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
दिल बचपन
दिल बचपन
Ashwini sharma
सुंदरता का मोह माया त्याग चुके हैं हम
सुंदरता का मोह माया त्याग चुके हैं हम
Ranjeet kumar patre
- निर्णय लेना -
- निर्णय लेना -
bharat gehlot
बारिश
बारिश
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ये बेटा तेरा मर जाएगा
ये बेटा तेरा मर जाएगा
Basant Bhagawan Roy
सवाल यह है
सवाल यह है
gurudeenverma198
अनकहे अल्फाज़
अनकहे अल्फाज़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...