Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

वह नारी

व्यस्तताओं के मकड़ जाल में
उलझा हुआ जीवन का दामन।
फिर भी काव्य-सृजन हित कैसे
चुन लेती अमर क्षण मनभावन।
लपक झपक कर काम-काज
विद्यादान हेतु बने शारदा।
हो जाती है वह नित्य प्रस्तुत
बन नव सुमनों की वरद वरदा।
ज्ञान ज्योति के नए उजास से
अपनी ज्ञान-पिपासा बुझाती।
घर का हर कोना ऋणी उसका
अलंकृत कर नए सपन सजाती।
बिना थके मचलती सरिता- सी
करती बच्चों की मान मनुहार।
स्वर्णिम किरण सी रही चमकती
घर में बरसाती पावन प्यार।
हर रिश्ते को गौरव गरिमा दे
रिश्तों की बगिया को महकाती।
वह नारी दोहरा भार उठा
अनगिनत जीवन सफल बनाती।
उत्सवों पर चंचला चपला सी
वह खुद को लेती साज संवार।
सभ्यता सौम्यता की मूरत
न्यौछावर उस पर सकल संसार।

—प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव,
अलवर (राजस्थान)

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 165 Views
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all

You may also like these posts

क्या कहूं अपने बारे में अब बस, दुश्मन सा ही लगता हूं लेकिन ।
क्या कहूं अपने बारे में अब बस, दुश्मन सा ही लगता हूं लेकिन ।
Ashwini sharma
आसू पोछता कोई नहीं...
आसू पोछता कोई नहीं...
Umender kumar
अपना माना था दिल ने जिसे
अपना माना था दिल ने जिसे
Mamta Rani
अध्यापिका
अध्यापिका
Shashi Mahajan
नाता(रिश्ता)
नाता(रिश्ता)
पं अंजू पांडेय अश्रु
😢                         😢
😢 😢
*प्रणय*
कलरव करते भोर में,
कलरव करते भोर में,
sushil sarna
एक अकेला सब पर भारी
एक अकेला सब पर भारी
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
Phool gufran
"याद"
ओसमणी साहू 'ओश'
आगाज़-ए-नववर्ष
आगाज़-ए-नववर्ष
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"हार और जीत"
Dr. Kishan tandon kranti
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पग - पग पर बिखरा लावा है
पग - पग पर बिखरा लावा है
Priya Maithil
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
लक्ष्मी सिंह
थैंक यू टीचर हमको पढ़ाने के लिए,
थैंक यू टीचर हमको पढ़ाने के लिए,
Jyoti Roshni
वक्त के पहरुए
वक्त के पहरुए
सोनू हंस
यूँ तो समन्दर में कभी गोते लगाया करते थे हम
यूँ तो समन्दर में कभी गोते लगाया करते थे हम
The_dk_poetry
3339.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3339.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कहने की कोई बात नहीं है
कहने की कोई बात नहीं है
Suryakant Dwivedi
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तन्हायी
तन्हायी
Dipak Kumar "Girja"
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
Rajesh Kumar Arjun
खालीपन - क्या करूँ ?
खालीपन - क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पारिवारिक व्यथा
पारिवारिक व्यथा
Dr. P.C. Bisen
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
Shivam Sharma
कहाँ हो?
कहाँ हो?
Rambali Mishra
भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं 🎉 🎉 🎉
स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं 🎉 🎉 🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...