Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2018 · 2 min read

वह खत

वह खत (लघुकथा)
******************
मन बड़ा उदास था कई दिनों के निर्थक भाग दौड़ का आज समापन जो हुआ था वह भी घोर अनिश्चितता के साथ। आज मैने निश्चय कर लिया था अब बस …… कल ही घर वापस चला जाऊंगा , नौकरी ना मिली ना सही ……अब घर चल कर वहीं कोई रोजी रोजगार कर लूंगा किन्तु अब फिर कभी …..भूल कर भी….. किसी बड़े शहर का रुख नहीं करूँगा।

लेकिन कुछ ही पल बाद मन के किसी कोने से निकलने अनिश्चितता के बादलों ने आश रूपी उस सूर्य को अपने आगोश में ले लिया…. कि घर में कौन सा खजाना गड़ा हुआ है जो वहाँ पहुचते ही खोद कर निकाल लूंगा और उससे अपने रोजगार का श्री गणेश कर लूंगा।

इन्हीं सोचों के कारण मन अत्यधिक उद्विग्न व दुखी था।समझ नहीं पा रहा था करूँ तो क्या करूँ …? ……इस व्यथा से मन को बहलाने के लिए मैने वह ब्रिफकेस खोल लिया जिसमें अपना फाईल दो चार कपड़े लेकर मैं दिल्ली आया था ।

उस फाईल में मेरे सर्टिफिकेट के आलावा जो सबसे बहुमूल्य समान रखे हुए थे वह वे तमाम खत थे जिन्हें मैने कालेज टाईम से लेकर शादी के बाद तक किसी को लिखा था पर पोस्ट नहीं कर पाया था …..या जो खत किसी और ने मुझे भेजा था

……उन खतों को मन बहलाने के लिए बारी बारी से खोलने व पढऩे लगा….पापा एवं माँ के हाथो रचित खत …..मेरे जीवन के प्हले प्यार का पहला खत ….किन्तु फिर भी मन को चैन न मिला …..किन्तु तभी वह खत मेरे हाथ लगा जिसने मेरे जीवन को एक नया आधार प्रदान किया और मैं खुद को दिल्ली जैसे शहर में स्थापित करने में कामयाब हो सका।
वह खत मेरे मित्र चन्द्र शेखर ने अपने उन संघर्षकाल में मुझे लिखा था।

उस खत के कुछ अंश……
“मित्र हार और जीत के बीच मामुली सा अन्तर होता है जो आपके सोच में समाहित होता है, मन के सोचे हार है मन के सोचे जीत …..मित्र मैनें बहुत कठिन संघर्ष किया एक अनजान शहर में बिना थके , बिना डरे और बिना हारे, परिणाम आज खुद को बेहतर और अति व्यस्त हालत में पा रहा हूँ”……!!!
…………………….✍
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण….. बिहार
८४५४५५

Language: Hindi
1 Like · 443 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
आईने से बस ये ही बात करता हूँ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
Vishal babu (vishu)
*
*"आज फिर जरूरत है तेरी"*
Shashi kala vyas
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
Ranjeet kumar patre
*देखने लायक नैनीताल (गीत)*
*देखने लायक नैनीताल (गीत)*
Ravi Prakash
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
Madhuyanka Raj
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
नेताम आर सी
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
Shweta Soni
वक्त के आगे
वक्त के आगे
Sangeeta Beniwal
ले आओ बरसात
ले आओ बरसात
Santosh Barmaiya #jay
आहुति  चुनाव यज्ञ में,  आओ आएं डाल
आहुति चुनाव यज्ञ में, आओ आएं डाल
Dr Archana Gupta
2850.*पूर्णिका*
2850.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Fool's Paradise
Fool's Paradise
Shekhar Chandra Mitra
#संघ_शक्ति_कलियुगे
#संघ_शक्ति_कलियुगे
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-241💐
💐प्रेम कौतुक-241💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
जो तेरे दिल पर लिखा है एक पल में बता सकती हूं ।
Phool gufran
नजरिया रिश्तों का
नजरिया रिश्तों का
विजय कुमार अग्रवाल
कार्यशैली और विचार अगर अनुशासित हो,तो लक्ष्य को उपलब्धि में
कार्यशैली और विचार अगर अनुशासित हो,तो लक्ष्य को उपलब्धि में
Paras Nath Jha
**सिकुड्ता व्यक्तित्त्व**
**सिकुड्ता व्यक्तित्त्व**
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दलित साहित्य के महानायक : ओमप्रकाश वाल्मीकि
दलित साहित्य के महानायक : ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
युद्ध के बाद
युद्ध के बाद
लक्ष्मी सिंह
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
होगा कौन वहाँ कल को
होगा कौन वहाँ कल को
gurudeenverma198
बमुश्किल से मुश्किल तक पहुँची
बमुश्किल से मुश्किल तक पहुँची
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Never forget
Never forget
Dhriti Mishra
संकट मोचन हनुमान जी
संकट मोचन हनुमान जी
Neeraj Agarwal
"तन्हाई"
Dr. Kishan tandon kranti
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...