वह आप है
दिल मे बसे थे जो वह आप है।
ख्याब बन कर दिखे थे जो वह आप है।। तन्हाइयों मे रो चुके हैं जारजार हम।
अश्क बन कर जो बहे वह आप है।। कितने सितम सह चुके और कितने सहेगे हम।
वीरान मेरी जिंदगी को कर चुके वह आप है।। दुनिया मे जो आया है वो जाएगा एक दिन।
मौत का मेरी जिसने फैसला किया वह आप है।। हमने आपको याद किया है बार बार।
मगर हमें जिसने भुलाया है वह आप है।।
कृति भाटिया, बटाला।