वही मित्र है
जो सबसे निराला और विचित्र है ,वही मित्र है
कभी अल्हड़ तो कभी संजीदा बनकर,
हंसी खेल में तरकीब नई दिखा जाते
निराश चेहरों पर मुस्कान नई ले आते
ऐसे अद्भुत तथा विशिष्ट है ,वही मित्र है |
बीते कल की यादें ,बातें कुछ अनसुने
किस्से सहज ही दोहरा जाते
हर लम्हे को यूँ ही यादगार बना जाते
जीवनरूपी केनवास पर अंकित इक
सुंदर चित्र है ,वही मित्र है |
अनंत बातें,बेतुके किस्से कहकर
दुखों को हल्का कर जाते
जीवन की बगिया को महकाता इक
सुगंधित इत्र है ,वही मित्र है |