*वर दो मैया (भक्ति गीतिका)*
वर दो मैया (भक्ति गीतिका)
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(1)
सभी संकट हर दो मैया
बुद्धि को शुभ कर दो मैया
(2)
लोभ की वृत्ति नहीं व्यापे
परम-धन वह भर दो मैया
(3)
जहॉं पर प्रीति घनेरी हो
हमें ऐसा घर दो मैया
(4)
काम हम औरों के आऍं
हमें वह अवसर दो मैया
(5)
कृपा बस इतनी-सी करना
हाथ सिर पर धर दो मैया
(6)
चाह है यह वर दो मैया
अमर स्वर अक्षर दो मैया
(7)
प्रेम सॉंसों में भर जाए
स्रोत वह निर्झर दो मैया
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451