Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2024 · 1 min read

* वर्षा ऋतु *

** मुक्तक **
~~
रिमझिम बारिशों का क्रम लिए सावन चला आया।
मेघों से भरा नभ खूब सब के मन को है भाया।
बहुत उत्सुक हुआ है मन मिलन की चाहतें लेकर।
मौसम का मधुर उन्माद मन मस्तिष्क पर छाया।
~~
जरा नजरें उठाकर आसमां की ओर देखो तुम।
घने बादल बहुत छाए घटा घनघोर देखो तुम।
मचलने दो शरारत से भरे मन के विचारों को।
छुपे दिल के किसी कोने में प्रिय चितचोर देखो तुम।
~~
रिमझिम बौछारें लेकर अब सावन आया है।
शिव पूजन का भाव लिए अति पावन आया है।
जिनका शीश जटाओं से शोभित है महिमामय।
धारण कर गंगा सिर पर मनभावन आया है।
~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 113 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

मित्रता
मित्रता
Uttirna Dhar
3582.💐 *पूर्णिका* 💐
3582.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तेरे दर पर
तेरे दर पर
ललकार भारद्वाज
*न्याय-देवता के आसन पर, बैठा जो यदि अन्यायी है (राधेश्यामी छ
*न्याय-देवता के आसन पर, बैठा जो यदि अन्यायी है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
दुआ किसी को अगर देती है
दुआ किसी को अगर देती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
धिन  धरणी  मेवाड़ री, धिन राणा रौ राज।
धिन धरणी मेवाड़ री, धिन राणा रौ राज।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ब्रह्मांड की आवाज
ब्रह्मांड की आवाज
Mandar Gangal
बेटी हूँ माँ तेरी
बेटी हूँ माँ तेरी
Deepesh purohit
चिड़िया
चिड़िया
Kanchan Khanna
सोलह श्राद्ध
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
तिजारत
तिजारत
ओनिका सेतिया 'अनु '
बुंदेली_मुकरियाँ
बुंदेली_मुकरियाँ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नए साल का सपना
नए साल का सपना
Lovi Mishra
"कैसे फैले उजियाली"
Dr. Kishan tandon kranti
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
VINOD CHAUHAN
देवों की भूमि उत्तराखण्ड
देवों की भूमि उत्तराखण्ड
Ritu Asooja
तमाम उम्र अंधेरों में कटी थी,
तमाम उम्र अंधेरों में कटी थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बहती नदी का करिश्मा देखो,
बहती नदी का करिश्मा देखो,
Buddha Prakash
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
शिव प्रताप लोधी
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
सत्य कुमार प्रेमी
गरीबी
गरीबी
पूर्वार्थ
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
आर.एस. 'प्रीतम'
"सूखे सावन" का वास्ता सिर्फ़ और सिर्फ़ "अंधों" से ही होता है।
*प्रणय*
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
Dr.Deepak Kumar
कब सीखोगे
कब सीखोगे
Sanjay Narayan
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
sushil sarna
Loading...