Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2024 · 1 min read

वर्तमान

बड़ी याद आती है अक्सर
गुज़री हुई चीजों की
सर्दी में गर्मी की , गर्मी में बारिश की
बारिश में बसंत की , बसंत में पतझड़ की
आज में बीते दिनों की और
बीते दिनों में और भी बीते दिनों की
या आने वाले भविष्य की
और इस मन की सारी ड़ोरियों में
उलझ कर , गिर कर , टूट कर
बिखर जाते हैं वो लम्हे
जिन्हें हम ‘वर्तमान’ कहते हैं ,,,
क्या कोई ऐसा भी पल होता है
जहां हम पूरी तरह रहते हैं ?

क्षमा उर्मिला

132 Views
Books from Kshma Urmila
View all

You may also like these posts

कुर्सी
कुर्सी
Bodhisatva kastooriya
अपनी मानहानि को पैसे में तौलते महान!
अपनी मानहानि को पैसे में तौलते महान!
Dr MusafiR BaithA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mamta Rani
ताशकंद वाली घटना।
ताशकंद वाली घटना।
Abhishek Soni
..
..
*प्रणय*
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
सत्य कभी निरभ्र नभ-सा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
डर
डर
अखिलेश 'अखिल'
आज की नारी
आज की नारी
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
क्या हिसाब दूँ
क्या हिसाब दूँ
हिमांशु Kulshrestha
समर्पण
समर्पण
Sanjay ' शून्य'
चोट सीने पे आज खाई है
चोट सीने पे आज खाई है
RAMESH SHARMA
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
*Tapestry of Life*
*Tapestry of Life*
Veneeta Narula
कुछ बूंदें
कुछ बूंदें
शिवम राव मणि
कविता की मुस्कान
कविता की मुस्कान
Rambali Mishra
🌹🌻🌹🌻🌹🌻🌹
🌹🌻🌹🌻🌹🌻🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
ആരും കാത്തിരിക്കാ
ആരും കാത്തിരിക്കാ
Heera S
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
दिल हो काबू में....😂
दिल हो काबू में....😂
Jitendra Chhonkar
पाँव फिर से जी उठे हैं
पाँव फिर से जी उठे हैं
Sanjay Narayan
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
विघन मेटौ विनायकां, घट में करजौ वास।
विघन मेटौ विनायकां, घट में करजौ वास।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
#मैथिली_हाइकु
#मैथिली_हाइकु
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
🌷*
🌷*"आदिशक्ति माँ कूष्मांडा"*🌷
Shashi kala vyas
"युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वो भी बड़े अभागे होंगे या तो प्र
Urmil Suman(श्री)
- दोष -
- दोष -
bharat gehlot
2901.*पूर्णिका*
2901.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...