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19 Mar 2024 · 1 min read

वर्तमान

छद्म का संसार
प्रकट है ,
यथार्थ का अस्तित्व
विलुप्त है ,
अनाचार , भ्रष्टाचार में
मानव लिप्त है ,
नीति, आदर्श , संस्कार ,
सब सुप्त हैं ,
आचार ,व्यवहार , विचार,
सब गुप्त हैं ,
क्लेशयुक्त, कष्टप्रद,
जीवन निमित्त है ।

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