वर्तमान
समय चक्र है दौड़ रहा
पकड़े अपनी रफ्तार
अतीत में क्यों बांधे स्वयं को
धुंधला साया कुछ मीठी यादें
बीत गए जो अनुभव बन
जीवन दिशा को दे आधार
पकड़ लो वर्तमान की तार
बदलते युग नये परिवेश में
आधुनिकता के इस दौर में
ऊंचे सपने नभ तक उड़ान
कठिन संघर्ष नहीं विश्राम
नव योजना सफल विचार
जीवन पथ बना संग्राम
वर्तमान की यही पहचान ।
नेहा