Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

वर्तमान

समय चक्र है दौड़ रहा
पकड़े अपनी रफ्तार
अतीत में क्यों बांधे स्वयं को
धुंधला साया कुछ मीठी यादें
बीत गए जो अनुभव बन
जीवन दिशा को दे आधार
पकड़ लो वर्तमान की तार
बदलते युग नये परिवेश में
आधुनिकता के इस दौर में
ऊंचे सपने नभ तक उड़ान
कठिन संघर्ष नहीं विश्राम
नव योजना सफल विचार
जीवन पथ बना संग्राम
वर्तमान की यही पहचान ।

नेहा

Language: Hindi
67 Views
Books from Neha
View all

You may also like these posts

जंग के नुकसान
जंग के नुकसान
ओनिका सेतिया 'अनु '
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Omee Bhargava
तुम
तुम
Dr.Pratibha Prakash
पानी  के छींटें में भी  दम बहुत है
पानी के छींटें में भी दम बहुत है
Paras Nath Jha
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
बता तूं उसे क्यों बदनाम किया जाए
बता तूं उसे क्यों बदनाम किया जाए
Keshav kishor Kumar
मुक्तक
मुक्तक
अवध किशोर 'अवधू'
चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा।
चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा।
पंकज परिंदा
"भेद-अभेद"
Dr. Kishan tandon kranti
उनकी आंखो मे बात अलग है
उनकी आंखो मे बात अलग है
Vansh Agarwal
माता सरस्वती
माता सरस्वती
Rambali Mishra
उदास हूं मैं आज...?
उदास हूं मैं आज...?
Sonit Parjapati
👌सांझ का दोहा👌
👌सांझ का दोहा👌
*प्रणय*
*रंगीला रे रंगीला (Song)*
*रंगीला रे रंगीला (Song)*
Dushyant Kumar
लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,
लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,
Ajit Kumar "Karn"
Works of nowdays.
Works of nowdays.
Priya princess panwar
*साधुता और सद्भाव के पर्याय श्री निर्भय सरन गुप्ता : शत - शत प्रणाम*
*साधुता और सद्भाव के पर्याय श्री निर्भय सरन गुप्ता : शत - शत प्रणाम*
Ravi Prakash
सच दुनियांँ को बोल नहीं
सच दुनियांँ को बोल नहीं
दीपक झा रुद्रा
सामाजिकता
सामाजिकता
Punam Pande
वोट की राजनीति
वोट की राजनीति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
धूप छांव
धूप छांव
प्रदीप कुमार गुप्ता
चीर हवाओं का सीना, इस पार आए हैं
चीर हवाओं का सीना, इस पार आए हैं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जियो हजारों साल
जियो हजारों साल
Jatashankar Prajapati
देर तो हो गई है
देर तो हो गई है
Ansh
इस जन्म में नामुमकिन है,हम दोनों का मेल प्रिये ! (हास्य कविता)
इस जन्म में नामुमकिन है,हम दोनों का मेल प्रिये ! (हास्य कविता)
पियूष राज 'पारस'
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
4342.*पूर्णिका*
4342.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दर्द
दर्द
Mansi Kadam
Loading...