वरदा, सुखदा….
वरदा सुखदा गुणों की खान
मातु शारदे करो कल्यान
सुखदायिनी माँ वरदायिनी
दे दो अपनी दया का दान
भक्त वत्सला वत्स वत्सला
अग-जग में गूँजे यशगान
वरदहस्त रख दो सिर मेरे
मैं मूढ़मति भी पा लूँ ज्ञान
– © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद