Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Aug 2024 · 1 min read

” वरदहस्त “

” वरदहस्त ”
कोई नहीं है खाली हाथ,
यहाँ हर कोई व्यस्त है।
वो कइयों को चिल्लाता दिखा,
उस पर किसी का वरदहस्त है।

3 Likes · 3 Comments · 36 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"बेचारा किसान"
Dharmjay singh
"इंसान बनना है"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार जताना नहीं आता मुझे
प्यार जताना नहीं आता मुझे
MEENU SHARMA
2545.पूर्णिका
2545.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
जाने बचपन
जाने बचपन
Punam Pande
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
"चलो जी लें आज"
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
छोड़ जाऊंगी
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
😢😢😢😢
😢😢😢😢
*प्रणय प्रभात*
ताप जगत के झेलकर, मुरझा हृदय-प्रसून।
ताप जगत के झेलकर, मुरझा हृदय-प्रसून।
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
pita
pita
Dr.Pratibha Prakash
जय अयोध्या धाम की
जय अयोध्या धाम की
Arvind trivedi
श्रम करो! रुकना नहीं है।
श्रम करो! रुकना नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
नूरफातिमा खातून नूरी
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
Piyush Goel
*केले खाता बंदर (बाल कविता)*
*केले खाता बंदर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ममतामयी मां
ममतामयी मां
Santosh kumar Miri
हमदम का साथ💕🤝
हमदम का साथ💕🤝
डॉ० रोहित कौशिक
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
Phool gufran
पिरामिड -यथार्थ के रंग
पिरामिड -यथार्थ के रंग
sushil sarna
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
TAMANNA BILASPURI
"Know Your Worth"
पूर्वार्थ
आप की है कोशिशें तब नाकाम होती है।
आप की है कोशिशें तब नाकाम होती है।
Rj Anand Prajapati
प्रेम.... मन
प्रेम.... मन
Neeraj Agarwal
बच्चें और गर्मी के मज़े
बच्चें और गर्मी के मज़े
अमित
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
Loading...