Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2024 · 1 min read

वयोवृद्ध कवि और उनका फेसबुक पर अबतक संभलता नाड़ा / मुसाफिर बैठा

कविता के मोर्चे पर क्रांति कर थक गया कवि अब फेसबुक पर अपनी संवेदना, वेदना और उत्तेजना का बाजार सजा बैठा है
सबूत इधर इतने कि
कवि फेसबुक के लिए साफ नौसिखिया बुझाता है
चिकना घड़ा भए गए कवि पर अब कित्ता पानी अटके

कवि उम्र के अंतिम पड़ाव के अंतिम पायदान पर पहुंचने को है
और कोढ़ में खाज यह कि
कवि फेसबुक पर खलिहर टाइप से भी है
कवि के मस्तिष्क ने नाभि से सोचना बंद कर दिया है शायद
कवि ने इसीलिए पढ़ना लिखना भी लगता है, छोड़ रखा है
मस्तिष्क ढीला भया कवि फेसबुक पर सबसे सरलतम काम
like–share करने का अभ्यासी हो गया है
फेसबुक के लिए बूढ़ा तोता हुए कवि को
किसी ने शायद किसी तरह like–share करना सिखा दिया है।
खलिहरों और फेसबुक हैंडल करने में अनाड़ी लोगों को प्रिय धन्यवाद, आभार, आशीर्वाद जैसे कुछ दिलहिलोर शब्द भी किसी ने
जतन कर लिखना सीख दिया है गोया कवि को

कवि बंधुआ मजदूर की तरह बिना दिहाड़ी पाए
दिन रात इन्हीं कामों में लगा रहता है

कवि को थोड़ी सूझ किसी ने अझेलू–उबाऊ–पकाऊ reels शेयर करने की भी दे दी है
शायद, कवि को यह भी बता दिया गया है कि फेसबुक एल्गोरिथम ऐसा है कि
वह सेक्स एक्सप्लीसिट मैटेरियल भी आपको साझा करने के लिए उद्धत कर सकता है
शुक्र है
फिसलनों से तेजी से गुजरते
अभी तक कवि ने फेसबुक पर अपना नाड़ा संभाल रखा है!

Language: Hindi
31 Views
Books from Dr MusafiR BaithA
View all

You may also like these posts

*एक अखंड मनुजता के स्वर, अग्रसेन भगवान हैं (गीत)*
*एक अखंड मनुजता के स्वर, अग्रसेन भगवान हैं (गीत)*
Ravi Prakash
4866.*पूर्णिका*
4866.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ी  हसीन  रात  थी  बड़े  हसीन  लोग  थे।
बड़ी हसीन रात थी बड़े हसीन लोग थे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कीचड़ से कंचन
कीचड़ से कंचन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
- में बचपन से कवि था मरणासन्न तक कवि रहूंगा -
- में बचपन से कवि था मरणासन्न तक कवि रहूंगा -
bharat gehlot
मजदूरों के मसीहा
मजदूरों के मसीहा
नेताम आर सी
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
भरे हृदय में पीर
भरे हृदय में पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"सीधी बातें"
ओसमणी साहू 'ओश'
भारत माँ का एक लाल
भारत माँ का एक लाल
Kavita Chouhan
जिस तरह
जिस तरह
ओंकार मिश्र
ज़िंदगी की जद्दोजहद
ज़िंदगी की जद्दोजहद
Davina Amar Thakral
SP53 दौर गजब का
SP53 दौर गजब का
Manoj Shrivastava
फूलों सा महकना है
फूलों सा महकना है
Sonam Puneet Dubey
■ आज का चिंतन
■ आज का चिंतन
*प्रणय*
जो लोग दूसरों से जलते हैं,🔥🔥🔥
जो लोग दूसरों से जलते हैं,🔥🔥🔥
SPK Sachin Lodhi
Love
Love
Sanjay Narayan
रुझान।
रुझान।
Kumar Kalhans
आखिर कब तक?
आखिर कब तक?
Pratibha Pandey
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
भारत का गौरवगान सुनो
भारत का गौरवगान सुनो
Arvind trivedi
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
parvez khan
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
Vicky Purohit
जिंदगी का सफर है सुहाना, हर पल को जीते रहना। चाहे रिश्ते हो
जिंदगी का सफर है सुहाना, हर पल को जीते रहना। चाहे रिश्ते हो
पूर्वार्थ
जो कहना है,मुंह पर कह लो
जो कहना है,मुंह पर कह लो
दीपक झा रुद्रा
"कथरी"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं तुम्हें यूँ ही
मैं तुम्हें यूँ ही
हिमांशु Kulshrestha
Loading...