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14 Jun 2023 · 1 min read

वन्दे मातरम

गूँजे कण कण भारत भू का वन्दे मातरम
महक उठे वन उपवन मिलके वन्देमातरम

शस्य श्यामला भू हरियाली
परम्परा समृद्धिशाली
राष्ट्र प्रेम की गाथा गाते
हर मधुवन की हरेक डाली
लगी बोलने कोयल काली वन्देमातरम

तीन रंगों से रँगी चुंदरिया
खलिहानों में फसल दुल्हनियां
सीमा पर चौकस है सिपाही
बने हिमालय जिनका हमराही
कल कल नदियाँ गीत सुनाती
वहे पवन संगीत सुनाती वन्देमातरम

दर्शन जिसका ज्ञान प्रणेता
ईश्वर के गुण जो नित गाता
विश्व गुरु बन सत्य बताता
सत्य प्रेम का मार्ग दिखाता
अध्यात्म यहाँ की है आत्मा
गुरु वाणी हर शब्द ये गाता वन्देमातरम

गणतंत्र दिवस के बसंत बीत गये
पिछड़े से विकसित भी हो गए
ईश कृपा से शान्ति दूत हम
साहस शक्ति का प्रतीक हो गए
बोले दुंदभी जन गण मन यही
उदघोष गूंज खड़ताल वन्देमातरम

Language: Hindi
22 Likes · 9 Comments · 446 Views
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