” वतन मेरा”
वतन मेरा मेरी जान है::::::(2)।
वतन मेरा मेरी पहचान है::::(2)
ऊंचा इसका हिमालया हमें ,मुसीबत में भी खड़ा रहना सिखलाय ।
नहीं हम गुलाम किसी के यह हमें बतलाए ।
हर सांस मेरी धरती मां पर कुर्बान है।
वतन मेरा मेरी जान है, वतन मेरा मेरी पहचान है।
तिरंगा इसका प्यारा जब भी लहराए ,
वीरों की गाथाएं याद हमें कराएं ।
तिरंगे की शान में बस्ती मेरी जान है ।
वतन मेरा मेरी जान है,वतन मेरा मेरी पहचान है।
आजादी के दीवानों को करती में सलाम हूं ।दिखाया दिन यह आजादी का, यह उनका एहसान है ।
वतन मेरा मेरी जान है,वतन मेरा मेरी पहचान है।
“भगत सिंह “,”राजगुरु “वह “सुखदेव” ने लगाया झूम कर गले फांसी को ।
उनकी शहादत को शत शत प्रणाम है।
वतन मेरा मेरी जान है,वतन मेरा मेरी पहचान। है