वक्त
वक्त ही पहचान कराता, वक्त ही अभिमान।
वक्त से ना कोई बड़ा है, वक्त है बलवान।।
वक्त तो बेवक्त कराता, अपनों की पहचान।
वक्त को जो मान देते, वक्त दे उन्हें सम्मान।।
वक्त को ना व्यर्थ समझो, वक्त सबसे है महान।
वक्त अच्छा भी बहुत और वक्त ही बेईमान।।
वक्त हँसाता भी बहुत और वक्त रुलाता भी बहुत।
वक्त पर जो ना करें, हर वक्त पछताता बहुत।।
वक्त कि तुम कद्र कर लो, वक्त गंगा के समान।
वक्त की जो कद्र करते, वक्त देता हर मुकाम।।
वक्त शत्रु भी है होता, वक्त ही है मित्र समान।
वक्त अपना वक्त पराया, वक्त एक समान।।
वक्त नहीं मोहताज किसी का, वक्त शक्तिमान।
वक्त दिखाता रूप अनोखे, वक्त ही भगवान।।
वक्त जीत और वक्त हार है, वक्त ही पहरेदार।
वक्त वक्त पर महसूस कराके, करतार खबरदार।।
वक्त की इज्जत ना करी तो, ना हो पाए उद्धार।
वक्त की तुम इज्जत करो, वक्त ही है मोक्ष द्वार।।
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“ललकार भारद्वाज”