वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
वक्त तुम्हारा साथ ना दे तो पीछे कदम हटाना ना
विकट समय में रख हौसला अपने होश गंवाना ना
अच्छा माॅ॑झी नांव कभी भी बीच मंझधार नहीं छोड़े
आंधी और तुफानों में भी हरगिज़ तुम घबराना ना
वक्त तुम्हारा साथ ना दे तो……….
जगत पराया प्रीत पराई कोई नहीं यहाॅ॑ अपना
नए ख्वाब नित रोज बुनो मत ढूंढो टूटा सपना
मायाजाल है ये जग सारा बुद्धि को भरमाना ना–वक्त
कौन गैर है कौन है अपना समझ नहीं आती बातें
स्वार्थ से बढ़कर क्या देखोगे बैठे सभी लगा घातें
झूठे हैं सब रिश्ते नाते व्यर्थ ही अश्क बहाना ना–वक्त
ये जीवन है हॅ॑सकर जी ले क्यों डूबा मायूसी में
गुंजने दे उन अल्फ़ाज़ो को जो खोए खामोशी में
रोशन हो जाएंगी राहें आश का दीप बुझाना ना–वक्त
‘V9द’ बैठना नहीं सुनो हाथ पे रखकर हाथ यूंही
गांठ बांध लें मुश्किल पल में देगा ईश्वर साथ नहीं
बदलेगी तेरे हाथ की रेखा कर्म से जी चुराना ना–वक्त