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11 Jun 2024 · 1 min read

वक्त जब बदलता है

जब वक्त बदलता है ,लोग भी बदल जाते हैं।
वक्त वक्त पर ये हमें,नये ढंगों सेआजमाते हैं।

कभी अर्श पर, कभी फर्श पर बिठा दे ये वक्त।
कभी भरे पेट,कभी खाली पेट सुला दे ये वक्त।

वक्त कभी लाये खि़ज़ा,कभी लाये ये बहारें।
कभी सुलझी लगे जिंदगी,कभी होती रहे तकरारें।

वक्त बड़ा बलवान , हमेशा करो तुम कद्र
मसलेगा ये ऐसे वजूद,करेगा न कोई जिक्र।

आदमी को चाहिए वक्त से डर कर‌ रहे
इसके आगे तो बड़े-बड़े सिकंदर ढहे।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 82 Views
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