Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2024 · 1 min read

“वक्त को”

“वक्त को”

जरा न चुका वक्त को बुढ़ापा नजर आया,
जब गौर से देखा तो खुद को ही दूर पाया।

2 Likes · 2 Comments · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
45...Ramal musaddas maKHbuun
45...Ramal musaddas maKHbuun
sushil yadav
सास खोल देहली फाइल
सास खोल देहली फाइल
नूरफातिमा खातून नूरी
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
gurudeenverma198
राहें  आसान  नहीं  है।
राहें आसान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"समझो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
मिथ्या इस  संसार में,  अर्थहीन  सम्बंध।
मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध।
sushil sarna
मोहन सी प्रीति
मोहन सी प्रीति
Pratibha Pandey
😢फिर वही😢
😢फिर वही😢
*प्रणय प्रभात*
अलाव की गर्माहट
अलाव की गर्माहट
Arvina
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
Sunil Maheshwari
आओ एक गीत लिखते है।
आओ एक गीत लिखते है।
PRATIK JANGID
हम सब एक दिन महज एक याद बनकर ही रह जाएंगे,
हम सब एक दिन महज एक याद बनकर ही रह जाएंगे,
Jogendar singh
श्री रामलला
श्री रामलला
Tarun Singh Pawar
उजाले को वही कीमत करेगा
उजाले को वही कीमत करेगा
पूर्वार्थ
कल?
कल?
Neeraj Agarwal
श्याम बदरा
श्याम बदरा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
लम्हा लम्हा कम हो रहा है
Rekha khichi
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
Ajad Mandori
खूबसूरती
खूबसूरती
Ritu Asooja
गंगा से है प्रेमभाव गर
गंगा से है प्रेमभाव गर
VINOD CHAUHAN
संस्कारों के बीज
संस्कारों के बीज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एहसास के सहारे
एहसास के सहारे
Surinder blackpen
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
Atul "Krishn"
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
पन्द्रह अगस्त
पन्द्रह अगस्त
राधेश्याम "रागी"
2958.*पूर्णिका*
2958.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
.............सही .......
.............सही .......
Naushaba Suriya
*नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
*नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
Ravi Prakash
Loading...