“वक्त के पाँव”
“वक्त के पाँव”
वक्त के पाँव नहीं होते
मगर वो बिना रुके चल रहा है
दिन से रात, रात से दिन
इस क्रम में बहुत बदल गया है
मानो या न मानो
कल तक जो बुरा था
आज वो स्टाइल बन गया है.
“वक्त के पाँव”
वक्त के पाँव नहीं होते
मगर वो बिना रुके चल रहा है
दिन से रात, रात से दिन
इस क्रम में बहुत बदल गया है
मानो या न मानो
कल तक जो बुरा था
आज वो स्टाइल बन गया है.