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24 Mar 2024 · 1 min read

“वक्त के पाँव में”

“वक्त के पाँव में”
वक्त के पाँव में न घुंघरू होते हैं और न हाथ में डमरू। उसकी अपनी चाल है, जो न तो कभी रुकती है और न ही धीमी या तेज होती है।
(चुटकी भर सिन्दूर-कहानी संग्रह से…)

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