वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
ज़हर को अमृत सा पीना सीखा दिया।
परवाह नहीं रही,अब लोग क्या कहते हैं
बेपरवाह होकर रहने का मौका दिखा दिया।
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
ज़हर को अमृत सा पीना सीखा दिया।
परवाह नहीं रही,अब लोग क्या कहते हैं
बेपरवाह होकर रहने का मौका दिखा दिया।