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15 Oct 2023 · 1 min read

“वक्त की रेत”

समय बहुमूल्य है। समय ही हमारे जीवन की कुंजी है। दुःख-सुख, सफलता-असफलता सब कुछ अप्रत्यक्ष रूप से समय पर ही निर्भर है। समय के मूल्य को समझना होगा, क्योंकि बीता वक्त कभी लौटकर नहीं आता। वक्त की बर्बादी भविष्य को तबाह करती है। समय का सदुपयोग करना इंसान के वश में है। इन पंक्तियों पर जरा गौर कीजिएगा :

ना टिक सकती
ना कभी रुक सकती
हर पल फिसलती हुई
वक्त की रेत,
बस आगे बढ़ जा
उसकी नब्ज देख।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति

Language: Hindi
15 Likes · 8 Comments · 287 Views
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