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14 Mar 2023 · 1 min read

वक्त एक हकीकत

ना हुआ है ये किसी का, ना कभी किसी का होगा।
ये वक्त बेरहम है, ना तेरा था ना मेरा होगा।।

देता है गम अगर ये, खुशियां भी हमको देता।
फितरत है दरिया जैसी, चलना तो इसको होगा।।

तिलिस्म वक्त का तू, बस देख दूर से ही।
ना गम में उदास होगा, ना खुशियों में तू हंसेगा।।

होता कहां मुकद्दर, तेरी आरजू मुताबिक।
बदलेगी तेरी किस्मत, तपना तुझे पड़ेगा ।।

रुकती कहां है धरती, थकता कहां है सूरज।
सफ़र है जिंदगी का, चलना तुझे पड़ेगा।।

पल पल है गुजरता, रुकता नहीं कभी भी।
फिसलेगा रेत सा ये, तू खाली हाथ होगा।।
उमेश मेहरा
गाडरवारा (एम पी)

Language: Hindi
2 Likes · 172 Views
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