वक़्त
जीवन की यात्रा में हर व्यक्ति,यदि खोता है कुछ तो पाता भी है।
कभी बुरा वक़्त कभी अच्छा वक़्त,हर व्यक्ति के जीवन में आता भी है।।
कौन है अपना कौन पराया यह उसको,उसका वक़्त यही बतलाता भी है।
बुरे वक़्त में गिर के संभलना,और सब्र करना वक़्त उसे समझाता भी है।।
हमारा बुरा वक़्त ही तो जीवन में,हमें सच्चे रिश्तों का ज्ञान कराता भी है।
और बुरा वक़्त ही हमें जीवन में,सहनशील और धैर्यवान बनाता भी है।।
लाखों अच्छे कर्म करके जीवन में,क्या राम कोई बन पाता भी है।।
और गलती से भी करे एक कर्म ग़लत,रावण वह ज़रूर बन जाता ही है।।
यदि वक़्त बुरा हो मानव का,उसका सही निर्णय भी ग़लत हो जाता ही है।
जो कार्य तुम करना नहीं चाहते हो,वो कार्य तुम्हारा वक़्त तुमसे करवाता ही है।।
कहे विजय बिजनौरी बुरे समय में,जो संयम और धैर्य को छोड़ नहीं पाता भी है।
वही सफलता की सीढ़ी चढ़ता है,और आगे जाकर दुनिया में नाम कमाता भी है।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।