वक़्त ✍️
तेरे कदमो में सितारे बिछाने को,
मैं अपनी ज़मी दे दू,
काश कभी तू वक़्त मांगे,
और मैं पूरी ज़िंदगी दे दू।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी
तेरे कदमो में सितारे बिछाने को,
मैं अपनी ज़मी दे दू,
काश कभी तू वक़्त मांगे,
और मैं पूरी ज़िंदगी दे दू।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी