Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2022 · 1 min read

वक़्त ने वक़्त की

वक़्त ने वक़्त की दुहाई दी ।
चोट इसकी कहां दिखाई दी ।।
वक़्त की धुंध में खो गये ऐसे ।
वक़्त ने जिनकी खुद गवाही दी ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
9 Likes · 156 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

एक ही आसरौ मां
एक ही आसरौ मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
वेदना
वेदना
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हृदय वीणा हो गया
हृदय वीणा हो गया
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
तुम बिन
तुम बिन
ललकार भारद्वाज
"लालच"
Dr. Kishan tandon kranti
சூழ்நிலை சிந்தனை
சூழ்நிலை சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
दीप जगमगा रहे थे दिवाली के
दीप जगमगा रहे थे दिवाली के
VINOD CHAUHAN
4730.*पूर्णिका*
4730.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमें एक-दूसरे को परस्पर समझना होगा,
हमें एक-दूसरे को परस्पर समझना होगा,
Ajit Kumar "Karn"
किस्मत का लिखा होता है किसी से इत्तेफाकन मिलना या किसी से अच
किस्मत का लिखा होता है किसी से इत्तेफाकन मिलना या किसी से अच
पूर्वार्थ
সেই আপেল
সেই আপেল
Otteri Selvakumar
शाम
शाम
Dr.Pratibha Prakash
कॉलेज वाला प्यार
कॉलेज वाला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अब नहीं घूमता
अब नहीं घूमता
Shweta Soni
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*वो खफ़ा  हम  से इस कदर*
*वो खफ़ा हम से इस कदर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम दोनों  यूं  धूप  में  निकले ही थे,
हम दोनों यूं धूप में निकले ही थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3. Cupid-Struck
3. Cupid-Struck
Ahtesham Ahmad
क्यों हमें बुनियाद होने की ग़लत-फ़हमी रही ये
क्यों हमें बुनियाद होने की ग़लत-फ़हमी रही ये
Meenakshi Masoom
शेष न बचा
शेष न बचा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
SATPAL CHAUHAN
मेरी हर अध्याय तुमसे ही
मेरी हर अध्याय तुमसे ही
Krishna Manshi
मुश्किल है अपना मेल प्रिय।
मुश्किल है अपना मेल प्रिय।
Kumar Kalhans
*बादल (बाल कविता)*
*बादल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मिथिला राज्य बनाम राजनीतिक दल।
मिथिला राज्य बनाम राजनीतिक दल।
Acharya Rama Nand Mandal
🙅 *घरेलू लोकतंत्र* 🙅
🙅 *घरेलू लोकतंत्र* 🙅
*प्रणय*
11 धूप की तितलियां ....
11 धूप की तितलियां ....
Kshma Urmila
मीठी वाणी
मीठी वाणी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Meenakshi Madhur
Loading...