Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

वक़्त की आँधियाँ

धूप सी बरस रही थी, साँझ ने सुला दिया,
आँसुओं को गीली सी, मुस्कान ने रुला दिया।
वक़्त की जब चलीं, आंधियाँ उड़ा सब चलीं,
सख्त सी दीवार को, फुहार सा उड़ा दिया।
रोटियों के हाथों में, जब गर्दनें जकड़ी गईं,
सोते हुए पहाड़ के, पैरों को भी चला दिया।
जुनून था और जोश था, कुछ भी नहीं पर होश था,
सुकून का पलंग मिला, बेख़बर ख़ुद को सुला दिया।
पर कतरने से पहले, खूब ऊँचा उड़ लिया,
बुलंद थी उड़ान वो, किसने नीचे ला दिया।
खुशबुओं के वास्ते, पहरे बड़े ही सख्त थे,
जरा सी खिड़की खुली, जहान में उड़ा दिया।

(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

1 Like · 73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
View all
You may also like:
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
पूर्वार्थ
"फितूर"
Dr. Kishan tandon kranti
वस हम पर
वस हम पर
Dr fauzia Naseem shad
एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे
एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे
कवि दीपक बवेजा
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्षणिकाएँ. .
क्षणिकाएँ. .
sushil sarna
3163.*पूर्णिका*
3163.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना  महत्व  ह
॥ जीवन यात्रा मे आप किस गति से चल रहे है इसका अपना महत्व ह
Satya Prakash Sharma
मां
मां
Dr. Shakreen Sageer
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
Phool gufran
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
VINOD CHAUHAN
कुछ बिखरे ख्यालों का मजमा
कुछ बिखरे ख्यालों का मजमा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
अगर तू दर्द सबका जान लेगा।
अगर तू दर्द सबका जान लेगा।
पंकज परिंदा
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
नूरफातिमा खातून नूरी
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
Rj Anand Prajapati
*जो खान-पान में चूक गया, वह जीवन भर पछताएगा (राधेश्यामी छंद
*जो खान-पान में चूक गया, वह जीवन भर पछताएगा (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इस ज़िंदगी ने तो सदा हमको सताया है
इस ज़िंदगी ने तो सदा हमको सताया है
Dr Archana Gupta
*बेचारे नेता*
*बेचारे नेता*
गुमनाम 'बाबा'
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
Ranjeet kumar patre
खुशियों को समेटता इंसान
खुशियों को समेटता इंसान
Harminder Kaur
"उल्फ़त के लिबासों में, जो है वो अदावत है।
*प्रणय*
आँलम्पिक खेल...... भारतीय टीम
आँलम्पिक खेल...... भारतीय टीम
Neeraj Agarwal
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
gurudeenverma198
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
शेखर सिंह
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
मैं भी अपनी नींद लुटाऊं
मैं भी अपनी नींद लुटाऊं
करन ''केसरा''
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
Loading...