वक़्त का ज़िंदा दस्तावेज
चले आते
समझाने लोग!
अक़्सर मुझे
बचकाने लोग!!
कुदरत की
अनदेखी करके
जाया करते
बुतखाने लोग!!
मेरे कैसे
हो सकते भला
जो ख़ुद से ही
बेगाने लोग!!
मेरा पागलपन
कहा करते
मेरी बातों को
दीवाने लोग!!
अपने ख़ून
और आंसुओं से
मैं तो लिखता
अफसाने लोग!!
#बहुजन_शायर #इंकलाब #बगावत #कविता