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31 May 2024 · 1 min read

वंचित है

मुक्तक
~~
किसी के पास धन दौलत भरे भंडार संचित है।
मगर उनको गरीबों की नहीं परवाह किंचित है।
किसी के पास सुविधा है जरूरत से बहुत ज्यादा।
कहीं सामान्य जीवन को तरसते लोग वंचित है।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ३१/०५/२०२४

1 Like · 15 Views
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