“लौट कर आये”
कहानी दूर तक जायें, फ़साने लौट कर आये
मेरे किस्से ज़माने को, बताने लौट कर आये
कभी आँखों से बहकर के, जो छलके थे मेरे सपनें
फलक पे नाम वो मेरा, सजाने लौट कर आये
ये इक तरफा मुहब्बत का, भरम अब टूट जाने दो
मैं रुठा था यूँ ही , वो कब मनाने लौट कर आये
मुझे आती नहीं हैं इश्क़ की, बातें समझ कोई
यही रस्ते है वो जिन पर, मयखानें लौट कर आये
कभी मज़बूरियां समझे नहीं, जो प्यार में मेरी
मेरी खामोशियों पर वो दीवानें लौट कर आये
जिसकी इक नजर भर से, उतर जायें नजर सारी
मेरी माँ की दुआओ में, ज़माने लौट कर आये
मेरा बचपन मेरी नादानियों से, जब जब लड़खड़ाया है
मेरे पापा की ऊँगली के, सहारे लौट कर आये
कुमार अखिलेश
जिला देहरादून (उत्तराखण्ड)
मोबाइल नंबर 09627547054