लो ना यार
दिल में है जो गुब्बार
उसे निकालो ना यार।
वो शख्स अपनी जान है
उसे मना लो ना यार।।
ईर्ष्या द्वेष घृणा सब को
हटा लो ना यार।
दो दिन की जिंदगी है
मजा लो ना यार।।
टूटते हुए रिश्ते को अब तो
बचा लो ना यार।
छोड़ कर अपने अहम को
शीश झुका लो ना यार।।
मिल जुल कर काम करने का
हाथ बढ़ा लो ना यार।
छोड़ निज स्वार्थ जमीर को
थोड़ा पढ़ा लो ना यार।।