लोधी क्षत्रिय वंश
लोधी अंश वंश अविनाशी, क्षत्रियता का सार l
सदा राष्ट्र की सेवा की हैं, न पा सका कोई पार ll
करत बात हमसे सरवर की, पीठ दिखावत जात l
आदिकाल से लेकर अबतक, करी ने हमने घात ll
हाथ मुसरिया कबहु न मारी, करै शान की बात l
हाथ पैर न हिले डुले, पर चले शान की बात ll
घरे मुसरिया ढंढे मारे, बाहर हांके ढींग l
चार आदमी जो ललकारे, नेकर जावे भींग ll
लोधी क्षत्रिय की होड़ न करियो, न करें पीठ पर वार l
वीर सिंह हिरदेशाह अवंती, जन्मे बड़े बड़े भूप सरदार ll
लोधी अंश वंश अविनाशी, क्षत्रियता का सार l
सदा राष्ट्र की सेवा की हैं, न पा सका कोई पार ll